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[Guest Post] अस्तित्व

अस्तित्व मेरे  होने   से ,   न   होने   से , मेरे  खोने   से ,   मेरे   मिल   जाने   से   … राह  पर   पड़े   हुए , खोटे  सिक्के   जैसे   , धीमें   -   धीमेँ   ,   घिस   -   घिस   कर   , ओझल  हो   जाने   से   … मरुधर  में   गर्द   जैसे दिख  कर   भी   न   दिख   पाने   से समंदर  में, एक मामुली  बूँद   जैसे लहरों  का   हिस्सा   बन बार   - बार     टकराने  से   … परवानों  जैसे, रात  भर , दिये  पर   मंडराकर , भस्म  हो   जाने   से   … जीने   - मरने   की   इस   बहस   में   , शब्दों  को   बेमतलब   बिखराने   से   … हर  पल   यूँ   मर - मर   कर, इन  किल्लतों   में   बिताने   ...